Location (स्थान)
S Mada St, Tirumala, Tirupati, Andhra Pradesh 517504
State
Andhra Pradesh

Description (विवरण):

तिरुपति बालाजी मंदिर विश्वभर के हिंदुओं का प्रमुख वैष्णव तीर्थ है। यह दक्षिण भारत में आंध्रप्रदेश के चित्तूर जिले में है। सात पहाड़ों का समूह शेषाचलम या वेंकटाचलम पर्वत श्रेणी की चोटी तिरुमाला पहाड़ पर तिरुपति मंदिर स्थित है। भगवान वेंकटेश को विष्णु का अवतार माना जाता है। भगवान विष्णु यहां वेंकटेश्वर, श्रीनिवास और बालाजी नाम से प्रसिद्ध हैं।

तिरुपति बालाजी के दर्शन (Tirupati Balaji Darshan)

हिंदू धर्मावलंबी तिरुपति बालाजी के दर्शन को अपने जीवन का ऐसा महत्त्वपूर्ण पल मानते हैं, जो जीवन को सकारात्मक दिशा देता है। देश-विदेश के हिंदू भक्त और श्रद्धालुगण यहां आकर दान करते हैं, जो धन, हीरे, सोने-चांदी के आभूषणों के रूप में होता है। इस दान के पीछे भी प्राचीन मान्यताएं जुड़ी हैं। जिसके अनुसार भगवान से जो कुछ भी मांगा जाता है, वह कामना पूरी हो जाती है। एक मान्यता के अनुसार भगवान बालाजी से मांगी मुराद पूरी होने पर श्रद्धालु तिरुपति के इस बालाजी मंदिर में श्रद्धा और आस्था के साथ अपने सिर के बालों को कटवाते हैं।

तिरुपति बालाजी की कथा (Tirupati Balaji Temple Story in Hindi)

वराह पुराण में वेंकटाचलम या तिरुमाला को आदि वराह क्षेत्र लिखा गया है। वायु पुराण में तिरुपति क्षेत्र को भगवान विष्णु का वैकुंठ के बाद दूसरा सबसे प्रिय निवास स्थान लिखा गया है जबकि स्कंदपुराण में वर्णन है कि तिरुपति बालाजी का ध्यान मात्र करने से व्यक्ति स्वयं के साथ उसकी अनेक पीढ़ियों का कल्याण हो जाता है और वह विष्णुलोक को पाता है। पुराणों की मान्यता है कि वेंकटम पर्वत वाहन गरुड़ द्वारा भूलोक में लाया गया भगवान विष्णु का क्रीड़ास्थल है। वेंकटम पर्वत शेषाचलम के नाम से भी जाना जाता है। शेषाचलम को शेषनाग के अवतार के रूप में देखा जाता है। इसके सात पर्वत शेषनाग के फन माने जाते है। वराह पुराण के अनुसार तिरुमलाई में पवित्र पुष्करिणी नदी के तट पर भगवान विष्णु ने ही श्रीनिवास के रूप में अवतार लिया। ऐसी मान्यता है कि इस स्थान पर स्वयं ब्रह्मदेव भी रात्रि में मंदिर के पट बंद होने पर अन्य देवताओं के साथ भगवान वेंकटेश की पूजा करते हैं।