Description (विवरण):

प्रथम पूजनीय गणपति गजानन गणेश हिन्दू धर्म के लोकप्रिय देव हैं। इनका वर्णन समस्त पुराणों में सुखदाता, मंगलकारी और मनोवांछित फल देने वाले देव के रूप में किया गया है। माता पार्वती और शिवजी के पुत्र भगवान श्री गणेश को महाराष्ट्र में सिद्धिविनायक और गणपति आदि नामों से जाना जाता है। 

श्री गणेश जी का जन्म (Birth of Lord Ganesha)

गणेश जी का वर्णन पुराणों में माता पार्वती और भगवान भोलेनाथ के दूसरे पुत्र के रूप में है। शिवपुराण के अनुसार गणेश जी शिवा यानि पार्वती जी के देह की मैल से उत्पन्न हुए हैं।

गणेश यानि गणों में सर्वश्रेष्ठ (Lord Ganesha Detail)

शिवपुराण के अनुसार ही गणेश जी को त्रिलोकी यानि भगवान शिव ने प्रथम पूजनीय होने का वरदान दिया है। शिवपुराण के अनुसार किसी भी देव की पूजा से पहले गणेश जी की पूजा करना अनिवार्य है। गणेश जी को विघ्नहर्ता भी माना गया है।

गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi)

गणेश जी का जन्म भाद्रपद मास के कृष्णपक्ष की चतुर्थी तिथि को हुआ है। इस दिन को गणेश चतुर्थी के नाम से जाना जाता है। इस दिन मनुष्यों को व्रत करना चाहिए।
हिन्दू धर्म में गणेश चतुर्थी को बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस दिन  बुद्धि, समृद्धि तथा सौभाग्य की प्राप्ति के लिए गणेश जी की विशेष पूजा की जाती है। गणेश चतुर्थी के बारे में और अधिक जानने के लिए यहां क्लिक करें: ( गणेश चतुर्थी )  

श्री गणेश जी से जुड़ी वस्तुएं (Facts of Lord Ganesha)

  1. चूहा: गणपति का वाहन मूषक यानि चूहा है।
  2. लड्डू: गणेश जी को लड्डू बहुत प्रिय हैं। पुराणों में कई जगह गजानन के मोदक प्रेम के विषय में लिखा गया है।
  3. बुद्धि और विवेक के देव: गणपति को बुद्धि और विवेक का देवता माना जाता है।
  4. तुलसी: गणेश जी की पूजा में तुलसी दल का प्रयोग नहीं करना चाहिए।

गणेश जी का मंत्र (Ganesh Mantra)

गणेश जी का मूल मंत्र "ऊँ गं गणपतये नम:" है।